
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि वह अपने मंत्रियों को विभागों का आवंटन कल यानी रविवार को करेंगे। शपथ लेने के नौ दिन बाद भी मंत्रियों को विभाग आवंटन न होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में चौहान ने मुस्कराते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘वो मेरा काम है। अच्छा आज ग्वालियर में कह रहा हूं। कह दूं। कल कर दूंगा।’

इससे पहले सात जुलाई को तीन दिवसीय दिल्ली के दौरे से भोपाल लौटने के बाद चौहान ने एक सवाल के जवाब में भोपाल में मीडिया से कहा था, ‘मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया। विभाग अब बंटने वाले हैं। आज (सात जुलाई को) और वर्कआउट करूंगा थोड़ा और जल्दी बांट दूंगा।’ लेकिन इसके चार दिन बाद भी मंत्रियों को विभाग नहीं मिले हैं।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश में दो जुलाई को चौहान ने मंत्रिपरिषद का विस्तार कर 28 मंत्रियों को शामिल किया गया है, लेकिन नौ दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें विभाग नहीं मिल पाए हैं। इन नए मंत्रियों में 12 ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी शामिल हैं, जिनके मार्च में कांग्रेस से इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी।
सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले से ही हैं। इसी के साथ कमलनाथ की पूर्व सरकार गिराने वाले 22 बागियों में से 14 बागी मंत्री बने हैं। ये सभी 14 मंत्री वर्तमान में विधायक नहीं हैं। इनमें से अधिकतर सिंधिया समर्थित नेता हैं।
नगरीय, आबकारी और पीडब्ल्यूडी विभागों पर झगड़ा
बताया जा रहा है कि अभी भी नगरीय विकास, आबकारी, पीडब्ल्यूडी जैसे अहम विभागों को लेकर सहमति बाकी है। इस पर फैसला होना है। बताया जा रहा है कि सिंधिया अभी भी अपने लोगों के लिए इन विभागों का दबाव बनाए हुए हैं। इस बीच यह साफ हो गया है कि वित्त, गृह, वाणिज्यिक कर, परिवहन को भाजपा अपने पास रखेगी। जबकि राजस्व, खनिज जैसे विभाग सिंधिया खेमे के पास जा सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष प्रदेश संगठन से बात करेंगे।
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