
डिंडौरी, जिले के शहपुरा थाना में पदस्थ टीआई हेमंत बर्वे के खिलाफ महिला पुलिस आरक्षक ने घर में घुसकर छेड़खानी करने व मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता महिला आरक्षक ने कोतवाली पुलिस से घटना की शिकायत की है, लेकिन आरोपित टीआई के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय पुलिस महकमा टीआई को बचाने में जुटा हुआ था। उधर मामला बढ़ता देख कोतवाली पुलिस ने शहपुरा टीआई हेमंत बर्बे पर घर मे घुस कर छेड़छाड़ करने व धक्का मुक्की करते हुए मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया है। निरीक्षक हेमंत बर्वे के विरुद्ध भादवि की धारा 452, 354, 294, 323, 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि शुरुआती दौर में पुलिस मामला दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी। मीडिया के दबाव के बाद मामला थाना प्रभारी पर दर्ज किया गया।
पीड़िता की मानें तो टीआई हेमंत बर्वे उसके साथ शादी करने के लिए लंबे समय से दबाव बना रहा था और शुक्रवार की देर शाम टीआई हेमंत बर्वे पुलिस लाइन स्थित आवास में जबरन घुस आए और महिला आरक्षक के साथ छेड़छाड़ करने लगे। महिला का आरोप है कि शादी से इंकार करने पर टीआई ने महिला आरक्षक के साथ मारपीट भी की है। महिला संबंधी अपराध में तत्परता दिखाने वाला पुलिस विभाग मामला दर्ज करने की बजाय विशाखा गाईडलाइन का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहा है। महिला आरक्षक ने शिकायत में टीआई पर उसके सरकारी आवास में घुसकर छेड़खानी व मारपीट का आरोप लगाया है।
पुलिस विभाग के अधिकारी कार्यस्थल में उत्पीड़न की दलील देते हुए नजर आ रहे हैं। शाम 7.30 बजे किसी के घर में जबरन घुसकर महिला कर्मचारी के साथ छेड़छाड़ व मारपीट की घटना पर विशाखा गाइडलाइन की पुलिसिया थ्योरी समझ से परे है। इसके अलावा महिला आरक्षक को शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने में 4 घंटे तक का इंतजार कराने को लेकर भी पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में नजर आ रही है।
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