
राजस्थान में सियासी घमासान के बीच हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई हो रही है। विधानसभा स्पीकर की ओर से पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, यह खारिज होनी चाहिए। स्पीकर ने अभी सिर्फ नोटिस दिए हैं, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है।स्पीकर के आदेश को सिर्फ लिमिटेड ग्राउंड पर ही चैलेंज किया जा सकता है, लेकिन पायलट गुट की याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी 21 जनवरी के एक फैसले में यह तय कर चुका है कि स्पीकर की शक्तियों में कोर्ट दखल नहीं दे सकता, तो फिर इस बात पर बहस क्यों हो रही है?
विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ पायलट गुट ने अपील की थी। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर सी पी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना आपको विधानसभा के अयोग्य घोषित कर दिया जाए।
पिछले हफ्ते सुनवाई में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि विधायकों को दिए गए नोटिस पर स्पीकर 21 जुलाई तक कार्रवाई नहीं करें। इस आदेश के बाद विधानसभा स्पीकर ने पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में पायलट गुट के विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दलबदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप का कोई मतलब नहीं है।
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