
- बच्चियों पर किसी का दबाव न बने, इसलिए उन्हें माता-पिता तक को नहीं सौंप रही पुलिस
- फ्लैट और आसपास के सीसीटीवी देखने के लिए भी अलग से एक टीम बनाई गई है अब
नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी प्यारे मियां को सजा दिलाने के लिए 6 टीमों ने शिकंजा कसना शुरू दिया है। इस मामले में अब सभी टीमों का पूरा जोर प्यारे मियां को सलाखों के पीछे ही रखने का है, जिससे कि वह किसी तरह मामले को प्रभावित न कर सके। यही कारण है कि अब तक शिकायत करने वाली पांचों नाबालिगों को भी पुलिस ने उनके परिजन को सौंपा नहीं है।
पुलिस को डर है कि बच्चियों पर दबाव बनाया जा सकता है। ऐसे में केस कमजोर हो जाएगा। तीन थानों के अलावा इंदौर पुलिस, वन विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इनकम टैक्स और आईबी तक अपने स्तर पर जांच कर रही है। हालांकि, आरोपी प्यारे मियां का कहना है कि उसे फंसाया जा रहा हैं। नहीं तो क्या मामला इतना बड़ा है।

एडीजी उपेंद्र जैन ने बताया कि प्यारे मियां की प्रॉपर्टीज के बारे में एक टीम पता लगा रही है, जबकि दूसरी टीम उसके खिलाफ दर्ज हुए केस पर काम कर रही है। सायबर की टीम तकनीकी साक्ष्य जैस डिजिटल और कॉल डिटेल पर कार्य कर रही है।
इसके अलावा एक अन्य टीम उसके करीबियों के बारे में पता लगा रही है, ताकि नेटवर्क का खुलासा हो सके। पांचवीं टीम प्यारे से प्रताड़ित लोगों का खोज रही है, ताकि उसके अन्य कारनामों का भी खुलासा हो सके। एडीजी का कहना है कि मामला नाबालिग बच्चियों का होने के कारण हर एक बात पर जांच की जा रही है। एक टीम उसके फ्लैट के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
इंदौर पुलिस ने किया धोखाधड़ी का मामला दर्ज
इंदौर पुलिस भी धोखाधड़ी के एक मामले में प्यारे की रिमांड मांगेगी। चंदन नगर पुलिस ने फर्जी कॉलोनी काटने के मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस पहले जफर खान नामक आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है। इसी मामले में प्यारे को भी आरोपी बनाया गया है।
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