
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों की सरकारें सामुदायिक संक्रमण की बात कह रही है, लेकिन केंद्र सरकार इसे मानने से साफ इनकार कर रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को भी दोहराया कि देश में सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि ‘कुछ राज्यों में अधिकारियों के रिपोर्टों में कहा गया है कि कोविड -19 का सामुदायिक प्रसार हो रहा है। लेकिन किसी एक कलस्टर या किसी पॉकेट में स्थानीय संचरण के मामलों बढ़ोतरी को डब्ल्यूएचओ सामुदायिक प्रसारण नहीं मानता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ अपने सदस्यों को उस राज्य में संचरण के चरण को परिभाषित करने के लिए भेजता है।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक प्रसारण आमतौर पर एक चरण के रूप में परिभाषित किया जाता है जब ट्रांसमिशन की श्रृंखला का पता लगाना असंभव होता है, यह बताना असंभव है कि किसने किसे संक्रमित किया।
राजेश भूषण ने अपनी बात कहने के लिए दिल्ली के सीरो-सर्वेक्षण के परिणामों की ओर संकेत किया और कहा कि ‘जब आबादी का सिर्फ 20 फीसदी प्रभावित होता है, तो कोई यह नहीं कह सकता है कि समुदायिक संचरण है।’ उन्होंने कहा कि इसमें एक तकनीकी तर्क शामिल है और क्या मायने रखता है कि कैसे प्रभावी रूप से सामंजस्य रणनीतियों को लागू किया जाता है।
हालांकि, कोविड -19 मामलों के कुछ कलस्टर हैं और कई पॉकेट में स्थानीय संचरण हो रहा है। लेकिन हम अभी भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के बारे में जो कह रहे हैं, उसपर अडिग हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि तिरुवनंतपुरम में दो स्थानों पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है और पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी एक इलाके के संबंध में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कही है।
आईएमए ने माना कोरोना का सामुदायिक प्रसार हो रहा है
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा का कहना है कि देश में कोरोना का सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है। यह बीमारी ग्रामीण इलाकों में भी फैल रही है और यह देश के लिए खराब स्थिति है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके इस दावे को भी खारिज करते हुए कहा है कि देश अभी तक सामुदायिक प्रसार की स्थिति तक नहीं पहुंचा है।
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