
- इस बैठक में मध्य प्रदेश की खाली पड़ी 26 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। निर्वाचन आयोग की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मौजूदा माहौल में उपचुनाव कराए जा सकते हैं या नहीं।
कोरोना की वजह से मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लंबित हैं। चुनाव की तारीख को लेकर कयासबाजी होती रहती है। इस बीच निर्वाचन आयोग शुक्रवार को राज्यों में लंबित उपचुनावों को लेकर बैठक करने वाला है। इस बैठक में मध्य प्रदेश की खाली पड़ी 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। निर्वाचन आयोग की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मौजूदा माहौल में उपचुनाव कराए जा सकते हैं या नहीं।
मध्य प्रदेश में 26 सीटों पर होना है चुनाव
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटों में से आज की तारीख में 26 सीटें खाली हैं। दो सीटें जहाँ विधायकों के निधन की वजह से खाली हैं, वहीं 22 सीटों के विधायकों ने इस्तीफा दिया है। ये 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कमलनाथ सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए इस्तीफा दिया था। इसके अलावा बीते कुछ दिनों में कांग्रेस के 2 और विधायकों ने पार्टी छोड़ते हुए BJP ज्वाइन की है, जिसकी वजह से उनकी सीटें भी खाली हो गई हैं। इन्हीं 26 सीटों पर उपचुनाव कराया जाना है।

उपचुनाव के लिए ‘मिनी वचन पत्र’
वहीं विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पूरी दमखम से उतरने के लिए तैयार है। एमपी कांग्रेस ने अब 2018 के चुनाव की तर्ज पर 26 सीटों के उपचुनाव के लिए ‘मिनी वचन पत्र’ जारी करने का फैसला किया है। इन सभी 26 सीटों के स्थानीय मुद्दों पर एक वचन पत्र प्रदेश स्तर पर और फिर 26 विधानसभा क्षेत्रों में वहां के लिए अलग-अलग वचन पत्र जारी होंगे। एमपी कांग्रेस घोषणा पत्र को इस बार संकल्प पत्र नाम देगी।
100 से ज्यादा वचन निभाए गए
कांग्रेस का दावा है कि 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जो वचन पत्र जारी किया था, वो वचन कमलनाथ सरकार ने निभा दिए। 100 से ज्यादा वचन निभाए गए। बाकी पूरे होने से पहले ही बीजेपी ने साज़िश कर उनकी सरकार गिरा दी। अब सत्ता में आने के बाद संकल्प पत्र के वादों के साथ पुराने वचन पत्र के वादे भी पूरे किए जाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने पूर्व की तरह अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वादा किया है। साथ ही स्थानीय स्तर पर सड़क, निर्माण कार्य, पेयजल, सिंचाई, स्कूल, कॉलेज, रोजगार के अवसर देने समेत स्थानीय मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।
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