May 28, 2023

कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगा रूस, अगले महीने तक का करना होगा इंतिज़ार

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के लोगों को इसकी वैक्सीन का इंतजार है। वैक्सीन बनाने की इस रेस में भारत, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन जैसे देश आगे चल रहे हैं। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन काफी चर्चा में है, जिसके पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की तैयारी चल रही है और इस वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू किया जा रहा है। 

कुछ दिन पहले रूस की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन के सफल होने का दावा कर के दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस वैक्सीन के बारे में ताजा रिपोर्ट आ रही है कि आम लोगों के लिए रूस इसे अगले महीने उपलब्ध करा देगा।

रूस ने पिछले दिनों कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना लेने का दावा किया था। कहां तो चीन, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश इस रेसे में आगे चल रहे थे, लेकिन रूस के दावे ने सभी को चौंका दिया। वैक्सीन बनाने के रूस के दावे से लोग काफी हैरान भी थे। रूस पर वैक्सीन संबंधी रिसर्च चुराने के प्रयास का आरोप भी लगाया गया, जिससे रूस ने साफ इनकार किया। बहरहाल, रूस के स्वास्थ्य मंत्री के हालिया बयान के आधार पर कहा जा रहा है कि रूस में कोरोना की वैक्सीन जल्द ही सामने आ सकती है।

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प्रतीकात्मक फ़ोटो

रूस के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि तीसरे यानी अंतिम चरण के ह्यूमन ट्रायल से पहले ही कोरोना वायरस की वैक्सीन आम जनता के लिए उपलब्ध हो सकती है। इस वैक्सीन का एडिशनल क्लिनिकल रिसर्च भी साथ-साथ होगा। मध्य रूस के येकातेरिन्बर्ग की यात्रा के दौरान मिखाइल मुराश्को ने यह जानकारी दी है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दिमित्रीव ने कहा हे कि इम्यूनिटी को लेकर शोधकर्ता दो अलग-अलग प्रकार की वैक्सीन पर शोध कर रहे हैं। अगस्त में शुरू होने वाले वैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल में हजारों वॉलंटियर्स को शामिल किया जाएगा।

तीन अगस्त से वैक्सीन के अंतिम चरण का ट्रायल शुरू होने वाला है। यह रूस के अलावा सऊदी अरब और यूएई में भी होगा। किरिल दिमित्रीव के मुताबिक, रूस इस साल वैक्सीन की तकरीबन 30 मिलियन यानी तीन करोड़ डोज का घरेलू उत्पादन कर सकता है। हालांकि कई अन्य देशों ने भी वैक्सीन के उत्पादन में दिलचस्पी जाहिर की है, जिनके साथ मिलकर रूस करीब 17 करोड़ डोज तैयार कर सकता है।