March 31, 2023

हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए – अशोक गहलोत

राजस्थान में राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायक राजभवन परिसर में धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ऊपर से दबाव के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पत्र के बाद ही राजभवन में धरना हटाने पर फैसला होगा। सीएम ने कहा कि हम तो सदन में बहुमत साबित करना चाहते हैं, पर यहां उल्टी गंगा बह रही है। 

उन्होंने कहा कि राज्यपाल हमारे संवैधानिक प्रमुख हैं। मैं यह कहने में संकोच नहीं करता कि बिना ऊपर के दबाव के राज्यपाल इस फैसले (विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला) को रोक नहीं सकते थे। उन्होंने कल फैसला क्यों नहीं किया? हमने उनसे जल्द ही फिर से निर्णय लेने का अनुरोध किया है। लोग इंतजार कर रहे हैं। 

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि राज्यपाल किसी दबाव में नहीं आएंगे, वह कोई निर्णय लेंगे। हमें उम्मीद है कि विधानसभा सत्र जल्द शुरू होगा। इसलिए हम यहां विरोध में बैठे हैं। राज्यपाल द्वारा हमें एक पत्र देने के बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए। यह लोकतंत्र की परंपरा रही है। परंतु यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे, अपना बहुमत सिद्ध करेंगे, कोरोना पर बहस करेंगे।

गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी। गहलोत ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस सरकार के प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला करेंगे।

गहलोत ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, हमारी कैबिनेट ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया। पहल हमने की। उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए। यही परंपरा रही है लोकतंत्र की। यहां उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे और अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। कोरोना वायरस और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 

गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है।