
राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर सदन में बहुमत साबित करने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने के मामले में नया प्रस्ताव देने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने का समय मांगा है। राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात अशोक गहलोत के निवास पर बैठक हुई थी। शनिवार दोपहर को भी मंत्रिमंडल की वापस बैठक होगी।
गहलोत ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की मीटिंग बुलाई है। खबर है कि वे विधायकों के साथ फेयर मोंट होटल में बैठक भी कर सकते हैं। उधर, कांग्रेस आज भाजपा के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रही। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा राज्य में लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

पूरे घटनाक्रम पर राज्यपाल ने जताई नाराजगी
पूरे घटनाक्रम पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था पर स्पष्टीकरण मांगा है। देर रात जारी पत्र में उन्होंने पूछा कि आप और आपके गृहमंत्री अगर राज्यपाल को सुरक्षा नहीं दे सकते तो राज्य में कानून व्यवस्था के बारे में क्या कहा जाए? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाए? संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है। किसी प्रकार के दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। आज तक हमने किसी मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान नहीं सुना। यदि सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र बुलाने क्या औचित्य है।
राहुल बोले, विधानसभा का सत्र बुलाएं राजस्थान के राज्यपाल
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार गिराने के पीछे भाजपा की स्पष्ट साजिश का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए। इससे देश की जनता के सामने सच्चाई आ सकेगी। कांग्रेस राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र पर विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने के लिए अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन नहीं करने और केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रही है। राहुल ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि देश का शासन संविधान और कानून से चलता है। सरकारें जनादेश से बनती और चलती हैं। राजस्थान की सरकार गिराने में भाजपा की साजिश स्पष्ट है।
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