
- कुछ मरीजों को पूर्व में होम आइसोलेट किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के अधिकतर नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
कोरोना के बिना लक्षण वाले ए-सिम्टोमेंटिक मरीज को भी अब होम आइसोलेट नहीं किया जा रहा है। उन्हें कोविड केयर सेंटरों में ही भेजा जा रहा है। दरअसल, कुछ मरीजों को पूर्व में होम आइसोलेट किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के अधिकतर नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इसके चलते ही यह व्यवस्था बदली गई है। यही नहीं भोपाल में छोटे-छोटे मकान में रहने वाले लोगों और उनके परिवार के सदस्यों की संख्या को देखते हुए संक्रमित के परिजनों को क्वारंटाइन सेंटर ही भेजा जा रहा है। भोपाल में इन दोनों व्यवस्थाओं के लिए कोविड केयर और क्वारंटाइन सेंटरों की संख्या बढ़ा दी गई है। कॉलेज के हॉस्टलों को कोविड और क्वारंटाइन सेंटरों में तब्दील कर दिया गया है।

अब मरीजों की संख्या के आधार पर तय होगा कंटेनमेंट एरिया का दायरा
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा है कि भोपाल में अब कोविड मरीजों की संख्या के आधार पर ही कंटेनमेंट एरिया का दायरा तय होगा। किसी घर में एक मरीज निकला है तो तीन घरों तक। यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो आसपास के कुछ अन्य घरों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। यदि एक गली के अलग अलग घरों में पांच से अधिक पेशेंट निकलते हैं उस पूरी गली को और यदि कॉलोनी या अपार्टमेंट में अधिक मरीज निकलेंगे तो उस कॉलोनी या अपार्टमेंट को कंटेनमेंट एरिया बनाकर बैरिकेडिंग की जाएगी।
भोपाल में ए-सिम्टोमेंटिक मरीजों को कोविड केयर सेंटरों में रखा जा रहा है, ताकि वे जल्दी ठीक हो सकें। -अविनाश लवानिया, कलेक्टर भोपाल
संक्रमण से हुई मौत का होगा ऑडित, लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों पर गिरेगी गाज
कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का ऑडिट होगा। यदि मौत की वजह में लापरवाही की बात सामने आई तो संबंधित व्यक्ति व अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। ये बातें बुधवार को हमीदिया अस्पताल में समीक्षा के दौरान संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में जरूरतों को देखते हुए डॉक्टर, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्य उपकरणों की जरूरत जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए।
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