
- राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 20 मार्च को जबलपुर में सामने आया था
मध्य प्रदेश में मार्च माह के तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। यहां बीते साढ़े चार माह में प्रतिदिन औसतन लगभग सात मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई। राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 20 मार्च को जबलपुर में सामने आया था। इसके बाद इंदौर और भोपाल में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़े और अब कोरोना सभी 52 जिलों में फैल गया है। 5 अगस्त तक प्रदेश में कोरोना के कुल 35734 केस हो चुके हैं। यानी बीते साढ़े चार माह में औसतन प्रतिदिन 265 कोरोना मरीज मिले।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इंदौर जिला शुरू से ही सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, भोपाल दूसरे नंबर पर था। लेकिन पिछले एक माह के दौरान भोपाल में संक्रमण का कहर तेजी से बढ़ा और एक्टिव केस के मामले में भोपाल अब सबसे ऊपर आ गया है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भोपाल अब इंदौर से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है। इंदौर में 7857 और भोपाल में 7115 केस सामने आ चुके हैं।
हालांकि राहत भरी खबर है कि राज्य में अब तक 26064 मरीज कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं। यदि औसत निकाला जाए तो प्रतिदिन औसतन 193 मरीज कोरोना को हराने में सफल रहे। इस दौरान पूरे प्रदेश में 929 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। इसका मतलब यह हुआ कि बीते साढ़े चार महीने में प्रतिदिन औसतन सात मरीजों की जान कोरोना वायरस के कहर के कारण गई। मौत के सबसे ज्यादा 322 केस इंदौर जिले में और फिर 197 केस भोपाल जिले में दर्ज किए गए।
इंदौर में दो तो भोपाल में एक की मौत
इंदौर जिले में औसतन प्रतिदिन दो से ज्यादा (2.38) लोगों की और भोपाल जिले में प्रतिदिन एक से ज्यादा (1,45) लोगों की मौत दर्ज की गई। इसके अलावा कुल लगभग साढ़े चार माह में कोरोना से मौत संबंधी 74 मामले उज्जैन जिले में, सागर जिले में 35, जबलपुर जिले में 33, ग्वालियर में 13, बुरहानपुर में 25, खंडवा में 19 और खरगोन में 18 दर्ज किए गए।
More Stories
सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये
सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट किसके आदेश पर किया गया – कमलनाथ
शिवराज का कानून व्यवस्था पर ध्यान नहीं, उन्हें खुद ही यह बात स्वीकार करनी पड़ रही है – कमलनाथ