- उपचुनाव से पहले थानों में चहेतों को बैठाने की तैयारी, फेरबदल की आहट से पुलिसवालों में असमंजस।
- पहले से जमे पुलिसवाले थानों में रह भी सकेंगे या नहीं, इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू।
शिवराज सरकार में कृषि राज्य मंत्री गिर्राज डंडौतिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र दिमनी इलाके के थानों में तैनात पुलिस स्टाफ के संबंध में जानकारी मांगी है। मंत्री ने थानों के टीआई से पूछा है कि आपके थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी किस जाति के हैं और कब से यहां पदस्थ हैं। मंत्री के आदेश पर संबंधित थाना प्रभारियों ने अपने पूरे स्टाफ की जानकारी पेश की है।
दरअसल, भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने को तैयार मंत्री और पूर्व विधायकों को अंदेशा है कि पुलिसकर्मी मतदान के दौरान दूसरी पार्टी को सपोर्ट न कर दें या उनके समर्थकों को मतदान से पहले ही किसी केस में जेल न भेज दें। इसलिए जिन पुलिसकर्मियों की कार्यशैली भाजपा के पक्ष में नहीं है, उनको किसी बहाने से मौजूदा थानों से इधर-उधर कर अपने चहेतों की तैनाती कर दी जाए।
मंत्री ने इन थानों की जानकारी मांगी
मंत्री डंडौतिया ने पत्र में पुलिस थाना माता बसैया, दिमनी और सिहोनियां समेत शहर के तीनों थानों सिटी कोतवाली, स्टेशन रोड और सिविल लाइन में पदस्थ सिपाही, हवलदार, एएसआई, एसआई की जानकारी मांगी थी।
ऐसा तो कोई नियम ही नहीं…
इस संबंध में रिटायर्ड डीआईजी हरी सिंह यादव कहते हैं कि ऐसा तो कोई नियम ही नहीं है कि जनप्रतिनिधि चुनाव को लेकर थाना प्रभारियों से सीधे-सीधे स्टाफ की तैनाती संबंधी जानकारी तलब करे। पुलिस रेगुलेशन में भी ऐसा कोई अधिकार विभागीय अधिकारियों के अलावा किसी और को नहीं दिया गया है। चुनाव लड़ रहे किसी प्रत्याशी को यदि थाने में पदस्थ किसी कर्मचारी से कोई शिकायत है तो इस संबंध में पुलिस अधीक्षक/डीआईजी /आईजी के संज्ञान में लाया जा सकता है।
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