प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रमुख (ग्वालियर-चम्बल संभाग) के.के.मिश्रा ने आज राजधानी भोपाल सहित इंदौर में आयकर छापे की कार्यवाही की जड़ में आये राघवेंद्रसिंह तोमर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व मंत्री श्री अरविंदसिंह भदौरिया का अत्यंत करीबी बताया है।
राघवेंद्र सिंह तोमर व्यापमं का घोटालेबाज है, इसने खुद स्वीकार किया था
उन्होंने यह भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि तोमर व्यापमं महाघोटाले का भी एक बड़ा किरदार था, एसटीएफ ने इसकी गिरफ्तारी भी की थी, धारा-164 में कोर्ट के समक्ष दिए गए बयान इसने आरोपों को भी स्वीकारा था, किन्तु बाद में मुख्यमंत्री के दबाव में इसे सरकारी गवाह बना दिया गया था, मुख्यमंत्री से इसकी करीबी का प्रमाण देते हुए मैंने मुख्यमंत्री के बैठे होते हुई उनकी कार ड्राइव करने वाली तस्वीर भी बतौर साक्ष्य प्रस्तुत की थी।
कई नेताओं-मंत्रियों की काली कमाई फेथ बिल्डर्स में लगी हुई है
मिश्रा ने मुख्यमंत्री व अरविंद भदौरिया के साथ सोशल मीडिया पर परस्पर वायरल हुए संबंधों को भी सार्वजनिक करते हुये कहा कि उसमें कमलनाथ सरकार गिराने से सम्बंधित संकेत भी स्पष्ट नज़र आ रहे हैं, जिससे साफ़ हो रहा है कि भाजपा ने मंत्री भदौरिया के माध्यम से तोमर के कालेधन का भी उपयोग विधायकों की खरीद-फरोख्त में किया गया है। इतना ही नहीं भाजपा के कई नेताओं-मंत्रियों की काली कमाई भी तोमर के आधिपत्य वाले फेथ बिल्डर्स में लगी हुई है। मंत्री जी ने तो कोरोना पोजेटिव होने के बाद सपत्नीक तोमर की एकेडमी में कई दिनों तक आराम भी फरमाया।
मिश्रा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भी आग्रह किया है कि यदि वे वास्तव में राजनैतिक सुचिता के पक्षधर हैं तो माफियाओं के कालेधन से खरीदी गई शिवराज सरकार को तत्काल बर्खास्त करवाएँ क्योंकि आयकर विभाग की इस कार्यवाही में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों व उनके परिवार की संलिप्तता सार्वजनिक हो गई है। भ्रष्ट आचरण के आकंठ में स्पष्टतः डूबी राज्य सरकार को क्या बने रहना न्यायपूर्ण होगा?
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