
मध्यप्रदेश की 27 सीटों पर उपचुनाव होना है। उपचुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार अपने गढ़ ग्वालियर आ रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया कल यानी कि 22 अगस्त को तीन दिनों के दौरे पर ग्वालियर आ रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी होंगे।
पहली बार एक साथ
ग्वालियर ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है। भाजपा में शामिल होने के बाद वो पहली बार यहां आ रहे हैं, ऐसे में भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा एकजुट है इसलिए सिंधिया के दौरे को सफल बनाने के लिए ग्वालियर में सीएम शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के बड़े नेता भी शामिल होंगे। क्योंकि कांग्रेस लगातार आरोप लगाकर रही है कि सिंधिया और शिवराज के बीच तालमेल की कमी है।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सिंधिया के बोझ के तले भाजपा दबी जा रही है। ऐसे में पार्टी जनता को एकजुटता का संदेश देगी। सिंधिया और शिवराज पहली बार ग्वालियर में एक साथ होंगे।
कट्टर विरोधी भी साथ
हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ग्वालियर-चंबल के उपचुनाव वाली सीटों को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को कहा था कि उपचुनाव तक ग्वालियर में रहें। प्रभात झा को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर विरोधी माना जाता है लेकिन अब सिंधिया भाजपा में हैं ऐसे में प्रभात झा को सिंधिया के साथ उपचुनाव में काम करना होगा।
प्रभात झा ने सिंधिया को बताया था भाजपा का वंशज
जब सिंधिया ने धारा 370 हटाने का समर्थन किया था तब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा था- ‘सिंधिया ने धारा 370 हटाने का समर्थन कर साबित किया है कि वो राजमाता विजयाराजे सिंधिया के पौत्र हैं। सिंधिया भाजपा के परिवार के ही हैं वो कोई अलग परिवार के नहीं हैं। उनके पिता माधव राव सिंधिया ने पहला चुनाव जनसंघ के चुनाव चिन्ह पर ही लड़ा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया वैसे तो राहुल गांधी ब्रिगेड के माने जाते हैं लेकिन राहुल गांधी से ज्यादा बड़ा उन्होंने भारत माता को माना है।’
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