मध्य प्रदेश में विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सियासत लगातार गरम होती जा रही है। भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला तेज होता जा रहा है। भाजपा ने शनिवार को कांग्रेस सरकार बनने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के योगदान को गिनाया तो रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने उसे सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने यहां तक तंज कसा कि सिंधिया अपना ही चुनाव हार गए तो सरकार बनने में उनका योगदान कहां हो सकता था। कमल नाथ ने रविवार को ट्वीट करते हुए यह बात कही। उन्होंने विधायक दल के नेता चयन को लेकर पार्टी की प्रक्रिया बताई और कहा कि दल के नेता का चयन विधायकों की राय व पसंद के आधार पर सर्वसम्मति से किया गया था, उसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी किया गया था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने में चुनाव पूर्व संगठन की मजबूती का भी हाथ रहा है।
उन्होंने सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि सरकार बनाने में भी योगदान किसका कितना रहा है, यह भी कार्यकर्ताओं से लेकर सभी को पता है, कौन यहां केवल पर्यटन के लिए आता था। कमल नाथ ने भाजपा नेताओं पर तंज कसा कि कांग्रेस की सरकार में सिंधिया का योगदान नहीं रहा लेकिन भाजपा की सरकार उन्हीं के कारण बनी है।
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