जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं, एक सवाल लगातार उनसे पूछा जा रहा है। सोशल मीडिया पर बार-बार उन्हें टैग करके पूछा जाता है कि अतिथि शिक्षकों/ विद्वानों की लड़ाई के लिए वह सड़क पर कब उतरने वाले हैं। ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी के तीन दिवसीय सदस्यता सम्मेलन के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया पर वायरल सबसे बड़े सवाल का जवाब दिया।
ग्वालियर में अतिथि शिक्षकों ने क्या पूछा और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्या कहा
अतिथि शिक्षकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पूछा कि आपने कांग्रेस में रहते हुए कहा था कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो सड़कों पर उतर आएंगे। आप कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन हमारी मांगे अभी तक नहीं मानी गई हैं। हम अभी भी सड़कों पर ही हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिस सरकार ने आप से वादाखिलाफी की थी मैं उसके खिलाफ कदम उठा चुका हूं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों से क्या वादा किया था
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दिनांक 13 फरवरी 2020 को मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा में अतिथि शिक्षकों की मांग का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कांग्रेस का मेनिफेस्टो हमारे लिए हमारा ग्रंथ है। यदि सरकार ने वचन पत्र में लिखा हुआ एक-एक अंक पूरा नहीं किया तो सरकार के खिलाफ लड़ाई में आप अकेले नहीं होंगे आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी होगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ताजा बयान का आशय क्या है
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर में दिए गए ताजा बयान का आशय बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने क्लियर कर दिया है कि खरगापुर में अतिथि शिक्षकों को जो वादा उन्होंने किया था, उसे पूरा कर चुके हैं। अतिथि शिक्षकों के कारण कमलनाथ के साथ उनका तनाव चरम पर पहुंचा और कांग्रेस छोड़कर उन्हें भाजपा में आना पड़ा। शिवराज सिंह सरकार कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र का पालन नहीं करेगी, वह अपने घोषणापत्र का पालन करेगी। अतः अब भाजपा के घोषणापत्र पर बात की जानी चाहिए।
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