भोपाल में कोरोना को देखते हुए इस बार सार्वजनिक रूप से नदी और तालाबों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। अब 29 अगस्त को डोल ग्यारस पर किसी तरह का कोई जूलुस और कार्यक्रम भी नहीं होंगे। लोगों को अपने घर में ही प्रतिमाओं का विसर्जन करना होगा। जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। इसके बाद अब जिला प्रशासन ‘मेरे गणेश मेरे घर’ अभियान चलाएगा।
जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक विधानसभा के प्रोटोम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में उनके कक्ष में हुई। आने वाले समय में सभी धर्मों के त्यौहारों के आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं होंगे। चौराहों और सड़क पर किसी प्रकार का किसी को कोई मेला, जुलूस, जलसा का आयोजन नहीं करने दिया जाएगा। गणेश विसर्जन भी घाटों पर नहीं होगा। सभी को अपने घरों में ही गणेश प्रतिमा का विसर्जन करना होगा। नगर निगम द्वारा जगह-जगह पर स्टॉल लगाकर मूर्तियों को विसर्जन के लिए एकत्रित किया जाएगा।
कलेक्टर लवानिया ने बैठक में कहा कि मेरे गणेश- मेरे घर अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। डोल ग्यारस, अनंत चौदस सहित अन्य त्यौहार पर भी किसी प्रकार के आयोजन नहीं किए जाएंगे।
यह गाइडलाइन है
- घरों में ही प्रतिमाओं की स्थापना होगी। विसर्जन भी घरों में ही करना होगा।
- सार्वजनिक रूप से न तो पंडाल ही लगेंगे और न ही कोई कार्यक्रम ही होंगे।
- सभी तरह के धार्मिक जुलूस और रैली निकालने पर भी रोक।
- डीजे आदि के बजाने की अनुमति भी नहीं है।
इन आयोजनों पर पड़ेगा असर
कलेक्टर ने बताया कि लोग अपने घरों में पूजा, उपासना करें। कोविड 19 की रोकथाम और बचाव के लिए यह आवश्यक है। 29 अगस्त को डोल ग्यारस एवं कत्ल की रात, 30 अगस्त मोहर्रम, 1 सितंबर तक पयूर्षण पर्व, 1 सितंबर से 20 दिन चतुर्दशी, श्राद्ध पक्ष और 17 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या के त्यौहार हैं। इन पर सार्वजनिक रूप से कोई कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे।
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