
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने आम जनता को महामारी से बचाने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध के अलावा संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल पालन हेतु सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। पिछले 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हो गई। यानी हर घंटे एक मरीज की मौत। ऐसे हालात में खबर मिली है कि इंदौर के एप्पल हॉस्पिटल में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीज का ₹600000 का बिल बना दिया गया और भोपाल के चिरायु अस्पताल में संक्रमित महिला मरीज की मौत के बाद उसके स्वर्ण आभूषण गायब हो गए।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 27 अगस्त 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
- 23825 सैंपल की जांच की गई।
- 186 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
- 22508 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
- 1317 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
- 24 मरीजों की मौत हो गई।
- 1207 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
- मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 58181
- मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1306
- मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 44453
- 26 अगस्त 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 1242226
- अगस्त 2020 को मध्यप्रदेश में संक्रमित इलाकों की संख्या 4818
मध्यप्रदेश में सैनिटाइजेशन के बजाय कड़े प्रतिबंध पर फोकस
संक्रमण रोकने के लिए बेहद जरूरी है कि पब्लिक प्लेस का सैनिटाइजेशन किया जाए और जगह-जगह हैंड वॉश की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं परंतु शिवराज सिंह सरकार का फोकस आम जनता और दुकानदारों पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाकर वसूली करने तक सीमित रह गया है। हर रोज जिलों के कलेक्टर गर्व के साथ प्रेस को सूचना भेजते हैं कि उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के कारण कितने लोगों पर जुर्माना लगाया और कितनी दुकानें सील कर दी गई परंतु किसी भी सरकारी सूचना में यह नहीं बताया जाता कि आज कितने सार्वजनिक स्थानों को सेनीटाइज किया गया।
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