- किसानों की सुध नहीं ली जा रही, कोई सर्वे नहीं, राहत नहीं? प्रदेश में फिर से किसान विरोधी सरकार आ गई है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों से सोयाबीन की फ़सल बर्बाद हो गई है। इसकी प्रदेशभर से खबरें सामने आ रही हैं, इसके बावजूद शिवराज सरकार और ज़िम्मेदार मौन हैं, किसानों की कोई सुध नहीं ली जा रही है, किसान सर्वे और राहत की मांग कर रहे हैं। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उन्हें राहत प्रदान करने के लिये कोई कदम नहीं उठाये जा रहे है। प्रदेश में एक बार फिर किसान विरोधी सरकार आ गयी है। किसान परेशान है लेकिन सरकार उपचुनाव की तैयारियों में लगी हुई है।
प्रदेश का किसान दोहरी मार झेल रहा है
कमलनाथ ने कहा कि बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों से किसानो की सोयाबीन की फ़सल ख़राब होने की खबरें रोज़ सामने आ रही है। कही अतिवर्षा के कारण, कही व्हाइट फ़्लाई, कही स्टेम फ़्लाई, कही येलो मोज़ेक वाइरस की चपेट में सोयाबीन की फ़सल आ चुकी है। अधिकांश जगह सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ने से लेकर पौधे सूखने व अफलन की निरंतर शिकायतें सामने आ रही है।
कोरोना से परेशान किसानों पर अब फसल नुकसान का संकट
सरकार ने सोयाबीन के किसानों को राहत देने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसान सरकार की ओर उम्मीद भारी निगाहों से देख रहा है, वो सर्वे और राहत की मांग कर रहा है लेकिन ज़िम्मेदार मौन है, सिर्फ़ ज़ुबानी घोषणाओं से ही राहत की बात की जा रही है। कोरोना महामारी में किसान पहले से ही परेशान है, नुक़सानी की मार निरंतर झेल रहा है, वहीं शिवराज सरकार में यूरिया की कमी, कालाबाज़ारी और मिलावटखोरी से भी परेशान है।
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