- दृष्टिहीन दंपती से कहा था- मैरिज सर्टिफिकेट के लिए उस पंडित को ढूंढकर लाओ जिसने शादी कराई।
- कलेक्टोरेट में आरक्षक ने माचिस छीनी, अब रेडक्राॅस से मिलेंगे 1 लाख रुपए।
कलेक्टर ऑफिस के बाहर सोमवार दोपहर 2 बजे दृष्टिहीन दंपती ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। आरक्षक ने उन्हें केरोसिन डालते हुए देखा और माचिस छीन ली। वे प्रोत्साहन राशि के लिए 7 माह से भटक रहे हैं लेकिन अफसर सुनवाई ही नहीं कर रहे थे।
माता मढिय़ा के भागीरथ अहिरवार और उनकी पत्नी रमन चौधरी सुबह 11 बजे कलेक्टर दीपक सिंह से मिलने पहुंचे। कलेक्टर के नहीं होने पर स्टेनो को कागज दिखाए। स्टेनो ने कागजों की कमी के चलते योजना का लाभ मिलने से इनकार कर दिया। थोड़ी देर बैठने के बाद फिर स्टेनो के पास पहुंचे। जब बार-बार मना किया तो भागीरथ ने कागज फाड़े और केरोसिन डाल लिया। होमगार्ड आरक्षक हेमराज पटेल ने उन्हें बचाया।
भागीरथ चिल्लाकर कह रहा था मैंने दृष्टिहीन से शादी की, कोई गुनाह नहीं किया। किसी से कर्ज नहीं मांग रहा, अपना हक मांग रहा हूं। जब यह घटना कलेक्टर सिंह को पता चली तो उन्होंने फोन पर अपनी टीम के जरिए दंपती को नगर निगम भेजा। निगम अधिकारियों को मैरिज सर्टिफिकेट व निशक्तजन विवाह योजना का लाभ जल्द दिलाने के निर्देश दिए।
दंपती निशक्तजन विवाह योजना के तहत एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सात माह पहले शादी की, अब तक उन्हें ये राशि मिल जानी चाहिए थी लेकिन निगम मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बना रहा।
घटना के बाद निगम अफसर सक्रिय हुए। दंपती के ताबड़तोड़ दस्तावेज बनवाए। उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे ने आवेदन पर कार्रवाई आगे बढ़ा दी। विवाह प्रमाण पत्र नहीं होने पर निगम आयुक्त की ओर से कलेक्टर को पत्र लिखा। भागीरथ को फिलहाल रेडक्रास से 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। जब उसे प्रोत्साहन राशि मिल जाएगी तो वे रुपए उसे लौटाने होंगे।
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