
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने आज अचानक डॉ अजय गोयनका के चिरायु अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बड़ा हमला कर दिया। शिवराज सिंह सरकार चिरायु अस्पताल को भोपाल का सबसे बढ़िया कोविड-19 सेंटर बताती है परंतु कमलनाथ ने इसे डेथ सेंटर बताया है।
चिरायु अस्पताल कोरोनावायरस मरीजों के लिए मृत्यु केंद्र बन गया है: कमलनाथ
श्री कमलनाथ ने बयान जारी करते हुए कहा कि चिरायु अस्पताल, कोविड अस्पताल है। मुख्यमंत्री खुद चिरायु गए थे। ये एक मृत्यु केंद्र और डेथ सेंटर बन गया है। अस्पताल आने वाले पेशेंट्स की पहले क्या रिपोर्ट थी, उनका क्या इलाज किया गया और डिस्चार्ज के समय उनकी क्या समस्या थी इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। मैं मुख्यमंत्री शिवराज जी से कहता हूं आप खुद गए थे अस्पताल पता नहीं आपको कितनी बात समझ आई और कितनी की जानकारी लेनी है। मैं चाहता हूं इसकी खुली और निष्पक्ष जांच हो। इस जांच में सब अपना सबूत दें कि किस प्रकार का इलाज चिरायु में चल रहा है।
कमलनाथ ने 15 महीने की सरकार में चिरायु के खिलाफ कोई जांच आदेश नहीं दिया
इस अवसर पर उल्लेख करना जरूरी है कि चिरायु अस्पताल के संदर्भ में कई शिकायतें सरकारी फाइलों में पहले से बंद है। कुछ क्लोज कर दी गई हैं तो कुछ की सुनवाई नहीं हो रही है। आरोप है कि डॉ अजय गोयंका ने अपने पॉलिटिकल कांटेक्ट का फायदा उठाते हुए भोपाल के तालाब की जमीन पर अस्पताल तान दिया। इस साल 2020 में भी तालाब का पानी अस्पताल के भीतर बढ़ गया और अस्पताल को खाली करना पड़ा। बावजूद इसके, कमलनाथ ने चिरायु अस्पताल की किसी भी फाइल को ओपन नहीं किया। देखते हैं यह मामला एक बयान तक सीमित रहेगा या फिर श्री कमलनाथ न्याय के लिए लड़ते हुए दिखाई भी देंगे।
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