- टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- लोकतंत्र की हत्या के लिए महामारी का बहाना बनाया जा रहा है।
- मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा, लोकसभा सुबह 9 से दोपहर 1 और राज्यसभा 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी।
14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र में कोरोना की वजह से प्रश्नकाल नहीं होगा। प्राइवेट मेंबर (सांसद) बिल पेश नहीं कर सकेंगे। राज्यसभा सचिवालय ने बुधवार को यह नोटिफिकेशन जारी किया। सरकार के इस फैसले का विपक्षी सांसद विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जताया विरोध
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, “मैंने चार महीने पहले ही कह दिया था कि लोकतंत्र और विरोध के सुरों को दबाने के लिए महामारी का बहाना बनाया जाएगा। देरी से शुरू हो रहे सत्र के लिए बड़े आराम से कह दिया कि प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे जस्टिफाई कैसे कर सकते हैं?”
थरूर ने अगले ट्वीट में कहा, “सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन जैसा होता है। यह सरकार संसद को सिर्फ नोटिस बोर्ड तक समेटना और बहुमत को रबर स्टांप की तरह इस्तेमाल करना चाहती है, ताकि जो चाहे करवा सके।”
टीएमसी सांसद ने कहा- 70 साल में पहली बार प्रश्नकाल नहीं
सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “प्रश्नकाल के लिए सांसदों को 15 दिन पहले सवाल बताने पड़ते हैं। सेशन 14 सितंबर से शुरू हो रहा है, तो क्या इसलिए प्रश्नकाल रद्द हो गया? विपक्षी सांसदों के पास अब सरकार से सवाल करने का अधिकार नहीं रहा। 1950 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। संसद के कामकाज के घंटे उतने ही हैं, तो फिर प्रश्नकाल क्यों रद्द किया? लोकतंत्र की हत्या के लिए महामारी का बहाना बनाया जा रहा है।”
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