April 25, 2024

किसान आत्महत्या मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में लिखा – फसल खराब होने से किसान ने खुदकुशी कर ली

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जिले सीहोर में किसान की खुदकुशी को लेकर भोपाल में राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आमने-सामने आ गए। कमलनाथ ने कहा कि सीहोर में एक किसान ने फसल खराब होने पर आत्महत्या कर ली।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया ट्वीट

कमलनाथ ने पूरे मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि – मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में एक किसान ने फसल खराब होने पर आत्महत्या कर ली। प्रदेश के बड़े हिस्से में पहले ही सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। अब अतिवर्षा और बाढ़ से भी करीब 15 लाख हेक्टेयर फसल विभिन्न जिलो में खराब हुई है।

संकट की इस घड़ी में सिर्फ कोरे भाषण परोसे जा रहे हैं: कमल नाथ 

सीहोर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि आज आपदा के समय में किसानों को तात्कालिक राहत की ज़रूरत है। लेकिन संकट की इस घड़ी में भी उन्हें सिर्फ झूठे और कोरे भाषण परोसे जा रहे हैं। कमल नाथ ने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री घूम-घूमकर निरीक्षण कर रहे हैं। लेकिन साथ में थमा रहे हैं कोरे आश्वासन, राहत नहीं। आज किसान राहत की माँग कर रहा है, बाढ़ प्रभावित इलाक़ों के लोग राहत की माँग कर रहे हैं। जबकि आज आवश्यकता है तात्कालिक राहत की।

कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू करें मुख्यमंत्री : जयवर्धन सिंह 

प्रदेश की पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री को हवाई यात्रा का लुत्फ़ उठाने और फोटो सेशन पर ध्यान देने की बनिस्बत किसानों की क़र्ज़ माफ़ी की प्रक्रिया वापस शुरू करनी चाहिए।

कांग्रेस के एक और नेता ओमकार मरकाम ने ट्वीटकर आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के आतेही किसान आत्महत्याएं फिर शुरू हो गई हैं। मरकाम ने मांग की है कि सरकार पीड़ित परिवार को 1 करोड़ की मुआवज़ा राशि दे।

प्रदेश में भारी वर्षा के कारण बहुत बड़े स्तर पर फसलें बर्बाद हुई हैं। किसान नुकसान से परेशान हैं। खुद मुख्यमंत्री ने कहा है कि बारिश और बाढ़ से हुई धान की फसल के नुकसान का सर्वे कराकर मैं भरपाई करूंगा। राज्य सरकार का अनुमान है कि प्रदेशभर में भारी बारिश की वजह से तकरीबन 7 लाख हेक्टेयर तक की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। मगर अब तक किसानों को कोई राहत नहीं मिली है और अब उनका धैर्य छूट रहा है। गौरतलब है कि किसानों के लिए पिछली सरकार ने जो मुआवज़ा बांटने की पहल की थी, उसे खुद कृषि मंत्री ने पाप करार दिया था। 

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