राजधानी में मंडी एक्ट का विरोध कर रहे 1 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने वल्लभ भवन का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें पहले समझाने का प्रयास किया। जब वह नहीं माने और नारे लगाकर आगे बढ़ने लगे तो बल प्रयोग कर खदेड़ दिया गया। इस पर कर्मचारी पुलिस से उलझ गए और दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी।
मंडी बोर्ड के कर्मचारी मांगों को लेकर वल्लभ भवन तक पहुंच गए थे। इन्हें विंध्याचल भवन के पास बैरिकेडिंग करके रोक दिया गया। पुलिस के साथ एक कर्मचारी नेता की झूमाझटकी भी हुई। कर्मचारी नारे लगा रहे थे- शिवराज हमसे डरता है। काफी देर तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। विरोध प्रदर्शन में कर्मचारी, अधिकारी, हम्माल, तुलावटी कर्मचारी शामिल हुए।
वल्लभ भवन के आसपास धारा-144 लागू, नहीं कर सकते विरोध
पुलिस ने कहा कि कर्मचारी बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। मंत्रालय के आसपास धारा 144 लागू है। यहां पर रैली, प्रदर्शन और विरोध कार्यक्रमों पर पाबंदी है। पुलिस ने पहले समझाया लेकिन प्रदर्शनकारी हट नहीं रहे थे। इसलिए यहां से उन्हें हटाया गया है।
मंडी कर्मचारियों की मांग
सरकार के मॉडल मंडी एक्ट या अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि शासन या मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल हमारे वेतन, भत्ते, पेंशन तय करें। सरकार की नई व्यवस्था से मंडी कर्मचारियों और अधिकारियों को आर्थिक स्थिति से जूझना पड़ेगा। अभी उनका वेतन मंडियों की आय पर निर्भर करता है।
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