April 19, 2024

सिंधिया समेत कांग्रेस से बगावत करने वाले 22 विधायकों के ख़िलाफ़ ग्वालियर में प्रदर्शन

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया दूसरी बार गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे। इस दौरान कुछ संगठनों ने उनका विरोध भी किया। लोकतंत्र बचाओ संगठन के लोग ओरछा से ग्वालियर पहुंचे थे। जब यह लोग 22 नेताओं का पुतला लेकर यहां पहुंचे तो पुलिस ने पुतले भी जब्त कर लिए और पुतला लेकर आने वालों को गिरफ्तार भी कर लिया।

22 पुतले जब्त किए

कांग्रेस से बगावत करने के बाद भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को ग्वालियर दौरे पर आए हैं। उनके आने से पहले ही कई विपक्षी दल सक्रिय हो गए हैं। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के ओरछा से कुछ युवक ग्वालियर आए थे, जो लोकतंत्र बचाओ संगठन के बैनर तले यह प्रदर्शन करना चाहते थे, वे अपने साथ 22 नेताओं के पुतले भी लाए थे, जो सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं। पुलिस ने पुतलों को जब्त कर लिया और पुतले लेकर आने वाले युवकों को पकड़ लिया।

सूत्रों के मुताबिक सिंधिया के दौरे के समय गुपचुप विरोध करने की रणनीति बनाई गई थी। इसी के चलते ओरछा से गाड़ी में 22 पुतले लेकर यहां कुछ लोग पहुंचे। इनको चौराहे पर जलाए जाने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस को खबर लगी तो उसने पहले ही रोक दिया। पुलिस का कहना है कि बिना इजाजत इस तरह का प्रदर्शन करना गैर-कानूनी है। इन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। यहां कौन लाया इसको लेकर पूछताछ की जा रही है। अभी कोई बड़ा कांग्रेस नेता इन युवाओं के समर्थन में सामने नहीं आया है।

युवाओं का कहना था कि वह लोकतंत्र बचाने के लिए प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजा-महाराजाओं को लोकतंत्र और आम जनता की भावनाओं से कोई मतलब नहीं होता।

इससे पहले भी हुआ था विरोध

इससे पहले जब महासदस्यता अभियान के लिए सिंधिया आए थे तब कांग्रेसियों ने उनका विरोध किया था और कई आरोप लगाए थे। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि पार्टी से धोखा देने पर आम जनता के विरोध के डर से वे पूरी सरकार के साथ अपने ही घर आए हैं।

भाजपा का बड़ा नेता नहीं आया

गुरुवार को सिंधिया निजी कार्यक्रम में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे।उनके स्वागत के लिए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी और हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेता भी नजर आए। हालांकि बीजेपी का कोई बड़ा नेता नजर नहीं आया।

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