- बुंदेलखंड लोक गायक देशराज पटेरिया ने गाए शृंगार, वीर रस और भक्ति रस के लोकगीत।
मध्यप्रदेश के मशहूर लोकगीत गायक देशराज पटेरिया का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। पटेरिया ने शनिवार सुबह तकरीबन 3.15 बजे पटेरिया ने अंतिम सांसे ली। पटेरिया पिछले चार दिनों से वे छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती थे। पटेरिया को वेंटिलेटर पर रखा गया था।
बुंदेलखंडी लोकगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज़ देने वाले देशराज पटेरिया हमारे बीच अब नहीं हैं। उन्होंने 67 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। बुधवार को पटेरिया को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उन्हें मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया था।
पटेरिया के गीतों में अश्लीलता की कोई जगह नहीं होती थी, जो पटेरिया को लीक से हटकर खड़ा करती थी। छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे में जन्मे देशराज पटेरिया ने शृंगार, वीर रस और भक्ति रस के लोकगीतों का खूब गायन किया। पटेरिया ने गायन जीवन की शुरुआत कीर्तन मंडलियों में गाने से शुरू की थी।धना बोल गओ मगरी पै कौवा चली गोरी मेला को, साइकिल पै बैठ कै, चला रहे जीजा जी मूंछैं दोउ ऐंठ कै जैसे गीत पटेरिया द्वारा गाए हुए प्रसिद्ध गीतों में से हैं।
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