March 29, 2024

नीदरलैंड निवासी योगा टीचर ने गुंदेचा बंधुओं पर यौन शोषण का आरोप लगाया

  • ध्रुपद संस्थान ने बनाई आंतरिक जांच कमिटी, जांच पूरी होने तक अखिलेश गुंदेचा को संस्थान से हटाया।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित प्रसिद्ध ध्रुपद संस्थान विवादों में घिर गया है। संस्थान के प्रसिद्ध गायक गुंदेचा बंधुओं पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। गुंदेचा बन्धुओं पर अपनी शिष्याओं के साथ जबरन दुष्कर्म करने के आरोप लगे हैं। 

प्रख्यात गुरु डागर बंधुओं के शिष्य उमाकांत और रमाकांत गुंदेचा की जोड़ी संगीत जगत में गुंदेचा बंधुओं के नाम से प्रसिद्ध है। इनके तीसरे भाई अखिलेश गुंदेचा भी संगीत सभाओं में अपने भाइयों के साथ संगत करते हैं। गुंदेचा बंधुओं ने ध्रुपद की शिक्षा देने के लिए ध्रुपद गुरुकुल की स्थापना की है। गुंदेचा बंधुओं में से एक रमाकांत गुंदेचा का पिछले वर्ष देहान्त हो चुका है। 

नीदरलैंड निवासी योगा टीचर लिलियन वैन डैम ने शिष्याओं का पक्ष रखते हुए ध्रुपद संस्थान के फेसबुक ग्रुप पर गुंदेचा बन्धु रमाकांत और अखिलेश गुंदेचा पर आरोप लगाया है कि दोनों भाइयों ने संगीत सिखाने के नाम पर अपनी शिष्याओं का यौन शोषण किया। लिलियन ने पहले नाम न ज़ाहिर करते हुए अपनी एक मित्र की आपबीती ‘ध्रुपद फैमिली यूरोप ‘ फेसबुक ग्रुप पर साझा की है।

नीदरलैंड निवासी योगा टीचर ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि दोनों ही गुरुओं ने सालों तक अपनी शिष्याओं को डरा धमका कर उनका यौन शोषण किया। फेसबुक पोस्ट में लिखा गया है कि संगीत में करियर बनाने के नाम पर गुंडेचा बन्धुओं ने बहुतेरे युवतियों का यौन शोषण किया।

अखिलेश गुंदेचा की एक शिष्या ने अंग्रेज़ी अख़बार इण्डियन एक्सप्रेस को बताया कि अखिलेश गुंदेचा अमूमन मेरे पहनावे, चाल ढाल की प्रशंसा करते थे। मैंने शुरू में इसे अनदेखा किया। मैंने उनसे कहा कि मैं यहां साफ इरादों के साथ संगीत सीख रही हूं। लेकिन फिर भी वह संदेश भेजते रहते थे। शिष्याओं ने कहा है कि संगीत कक्षाओं के दौरान एकांत में गुरु उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया करते थे। कक्षाओं के बाद भी उनकी ख़ूबसूरती, पहनावे पर कमेंट के बहाने उत्पीड़न किया जाता था। करियर खत्म होने के भय से शिष्याएं सब सहन किया करती हैं।

पूरा मामला सामने आने के बाद ध्रुपद संस्थान ने एक आंतरिक जांच कमिटी गठित कर दी है। संस्थान के चेयरमैन उमाकांत गुंदेचा (रमाकांत और अखिलेश के बड़े भाई) ने आश्वासन दिया है कि गुंदेचा बंधुओं के विरुद्ध यह जांच बिना किसी हस्तक्षेप के और निष्पक्ष होगी। जांच पूरी होने तक अखिलेश गुंदेचा को संस्थान से अलग कर दिया गया है।

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