मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के एक साल बाद भी चयनित उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग नहीं मिल सकी है। ज्वाइनिंग की तारीख तय करने की मांग लेकर सभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस के लिए निकले, लेकिन उन्हें पुलिस ने पॉलिटेक्निक चौराहे पर ही रोक दिया। इस पर शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने पांच लोगों को ज्ञापन देने जाने की अनुमति दी।
मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट जारी हुए एक साल पूरा हो रहा है। इसके बाद भी अब तक किसी भी चयनित उम्मीदवार को ज्वाइनिंग नहीं दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के तहत 30,594 से अधिक शिक्षकों की ज्वाइनिंग होनी है। कुछ कई चयनित उम्मीदवारों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी थी। उनका यही कहना है कि एक साल से इंतजार कर रहे हैं और इसके पहले एक साल परीक्षा और रिजल्ट में व्यस्त रहे। इस तरह से दो साल गुजर गए।
‘सीएम हाउस गए थे, उन्होंने ज्ञापन लेकर रख लिया’
चयनित उम्मीदवारों का कहना है कि हम सीएम हाउस गए थे, उन्होंने हमारा ज्ञापन रख लिया है और आश्वासन दिया है कि हमें जल्द ज्वाइनिंग देंगे। लेकिन, ऐसे ज्ञापन हम कई मंत्रियों और अफसरों को दे चुके हैं। हमारी केवल एक ही मांग है कि हमारी नियुक्ति का तय समय हमें बताया जाए। अब अगर नहीं सुना गया तो आंदोलन को और तेज करेंगे। उपचुनाव का भी विरोध करेंगे।
15 हजार पदों के लिए 1 जुलाई को शुरू हुई थी प्रक्रिया
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के 15 हजार पदों के लिए 1 जुलाई से सत्यापन प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन परिवहन की समस्या बताकर इस प्रक्रिया को तीन दिन बाद ही रोक दिया गया। आदिम जाति कल्याण विभाग ने भी उच्च माध्यमिक शिक्षक 2220 का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया था, लेकिन यह प्रक्रिया भी रोक दी गई। इसके चलते उम्मीदवारों ने प्रदेशभर के जिला कलेक्टर कार्यालय में जाकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने का अभियान चला रखा है।
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