लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद से लेकर श्री गणेश उत्सव 2020 तक प्रज्ञा सिंह ठाकुर का सिर्फ चेहरा दिखाई देता था। पहचान लुप्त हो गई थी। माना जा रहा था कि सांसद बनाकर भाजपा ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर का रिटायरमेंट प्लान फिक्स कर दिया है। अब उन्हें लाइफटाइम पेंशन मिलती रहेगी जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है परंतु लंबे समय के बाद रविवार को प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपनी लाइन पर खड़ी हुई दिखाई दी। पितृपक्ष के दौरान तर्पण के लिए नगर निगम और भोपाल पुलिस द्वारा लगाए गए मनमाने प्रतिबंधों के खिलाफ प्रज्ञा सिंह ने ना केवल चेतावनी दी बल्कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से भी कड़े शब्दों में अपील की।
लोकसभा चुनाव के बाद सुविधा भोगी और मजबूर से दिखाई देने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर रविवार को अपनी पहचान के साथ भोपाल की सांसद नजर आईं। इस बार उनके पास नाथूराम गोडसे और देशद्रोही जैसे पुराने पड़ चुके बयान नहीं थे। इस बार उन्होंने ज्वलंत मुद्दे पर बात की।
कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के नाम पर धार्मिक कार्यक्रमों में रोक-टोक को लेकर उन्होंने नगर निगम भोपाल को भी जमकर खरी खोटी सुनाई और चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि तर्पण हमारे पुरखों की जीवन दाई शक्ति होती है, हम कोई नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे लेकिन हमारी पद्धतियो को छोड़ेंगे नहीं।
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा ”शीतलदास की बगिया में ताला लगा दिया था, लोग तर्पण नहीं कर पा रहे थे। मैंने नगर निगम कमिश्नर से कहकर ताला खुलवाया, लेकिन टीआई तलैया थाना ने दूसरी जगह रोक लगा लगा दी, जबकि वहां पहले से ही तर्पण हो रहा था। आगे नगर निगम प्रशासन सचेत हो जाए। अगर प्रशासन संवेदनहीन हो रहा है तो हमें दूसरी तरह से भी चलना आता है।”
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से नगर निगम प्रशासन को सचेत कर रही हूं और मुख्यमंत्री जी से अपील करती हूं कि ऐसे समय मे संवेदनशील हो जाइए और नगर निगम प्रशासन को सचेत कर दीजिए। याद दिलाने की प्रज्ञा ठाकुर की मूल पहचान इसी तरह की परेशानियों से भिड़कर जनता को राहत दिलाने वाली रही है। यही कारण था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, अरविंद भदौरिया से ज्यादा लोकप्रिय थी।
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