
मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले दोनों ही राजनीतिक दल एक्शन मोड में आ चुके हैं। आगामी उपचुनाव में सबकी नज़रें ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले उन नेताओं पर है, जिनका लिटमस टेस्ट होना है। मज़ेदार बात यह है कि बागी नेताओं को कांग्रेस छोड़े 6 महीने होने को आए हैं लेकिन कांग्रेस को यह नेता अपने ज़हन से पूरी तरह से उतार नहीं पाए हैं। अक्सर अपने बयानों में बागी नेता कांग्रेस को कोसते कोसते बीजेपी को कोसने लग जाते हैं।
कुछ ऐसा ही हाल सोमवार को सागर में हुआ जब सुरखी विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेसी विधायक गोविन्द सिंह राजपुत कांग्रेस को कोसते कोसते बीजेपी को कोसने लगे। दरअसल गोविन्द सिंह राजपुत अपने विधानसभा क्षेत्र में लगभग 300 गांवों का तेरह दिनों तक भ्रमण करने के बाद सागर के पहलवान बाबा मंदिर पहुंचे थे। वहां पर स्थानीय मीडिया से बातचीत करने के दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी नकली राम नाम का और नकली भगवा झंडे का धारण करती है। दरअसल गोविन्द सिंह राजपुत कांग्रेस को कोसना चाहते थे लेकिन आदतन लंबे समय से बीजेपी को कोसते आ रहे मंत्री के भीतर से बीजेपी के खिलाफ बातें सामने आ गईं।
गोविन्द सिंह राजपुत का यह बयान अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर राजपूत के बयान पर चुटकी लेते हुए लिखा है- ‘सुनो, बेंगलुरू रिटर्न गैर बीजेपी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत क्या कह रहे हैं। जब अंत निकट हो तो लोग सच बोलते हैं।’
गोविन्द सिंह राजपुत के पहले सिंधिया के एक अन्य विश्वस्त समर्थक तुलसीराम सिलावट भी प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनाथ को देश के लिए कलंक बता चुके हैं।
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