कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए तय किया गया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र केवल एक दिन का होगा। इस एक दिन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होंगे। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव भी स्थगित कर दिए गए हैं। पहले 21 सितंबर से आरंभ होने वाला सत्र 5 दिनों का था।
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र केवल एक दिन आयोजित करने का निर्णय सर्वदलीय बैठक में लिया गया। विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने की। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा आदि शामिल हुए।
कोरोना काल में सत्र के दौरान सावधानी रखते हुए सदन में प्रवेश करने से पहले विधायकों को अपनी कोरोना रिपोर्ट जमा करनी होगी। उसके बाद ही उन्हे विधानसभा में प्रवेश दिया जाएगा। इस बारे में विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी जिलों के कलेक्टरों को चिट्टी भेजी गई है। जिसमें विधानसभा सत्र से 5 दिन पहले की कोविड टेस्ट रिपोर्ट विधायकों को भेजने की बात लिखी गई है।
ग़ौरतलब है कि आज ही ब्यावरा विधायक गोवर्धन दांगी की इलाज के दौरान मौत हुई है। उन्हें कुछ दिनों पहले कोरोना संक्रमण हुआ था। उनके अलावा विधानसभा के 203 सदस्यों में से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश के 10 मंत्री, 28 विधायक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। मंत्रियों में गोपाल भार्गव, अरविंद भदौरिया, प्रभुराम चौधरी, विश्वास सांरग समेत अन्य मंत्री कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं।
More Stories
EVM के विरोध में दिल्ली में दिग्विजय हिरासत में
Aaj bhi sadme me harda blast ke pidit
Narmadapuram me vikshipt nabalik ke rape se akrosh