मध्यप्रदेश के नीमच जिले में सत्तू घोटाले का मामला सामने आया है। अधिकारी केवल कागजों पर ही क्विंटलों सत्तू का वितरण दिखा रहे हैं। जबकि आंगनवाड़ियों में सिर्फ कुछ किलो भर सत्तू ही पहुंच रहा है। ये मामला जिले के मनासा ब्लॉक का है। जहां आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को बांटे जाने वाले पोषण आहर सत्तू के नाम पर मजाक किया जा रहा है।
दरअसल मनासा ब्लॉक की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले का खुलासा किया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के खाने के लिए जो सत्तू वितरित किया गया, उसमें सुपरवाइजर व सीडीपीओ द्वारा बड़ा घपला किया गया है। उनका कहना है कि जांच में करने पर पूरे मामले का भंडाफोड़ हो जाएगा।
बता दें कि लॉकडाउन के समय में जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, उस वक्त हर कोई जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश में लगा था। ऐसे समय में ये लोग भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि अप्रेल-मई में आंगनवाड़ी केंद्रों में 2 किलो से लगाकर 20 किलो तक सत्तू दिया गया, जबकि कागजों में क्विंटलों का आंकड़ा दर्शाया गया है।
बताया जा रहा है कि कलेक्टर को शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दिए गए थे। जिसमें मनासा ब्लॉक की 247 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 84 केंद्रों को नोटिस भी थमाए गए थे। फिलहाल इस मामले की जांच मनासा एसडीएम कर रहे हैं। कलेक्टर का कहना है कि फिलहाल जांच रिपोर्ट नहीं आई है। यदि इस पूरे घटनाक्रम में अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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