कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री चनेश राम रथिया का सोमवार की सुबह रायगढ़ के एक अस्पताल में निधन हो गया। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। राम रथिया 78 साल के थे। रायगढ़ के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर एसएन केशरी ने बताया कि ‘चनेश रथिया, उम्र से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित थे। कोरोनावायरस पॉजिटिव निकलने के बाद उन्हें शनिवार को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निधन सुबह 1 बजे के आसपास हुआ।’
बता दें कि चनेश रथिया उत्तरी छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी नेता रहे हैं। वो सबसे पहले 1977 के अविभाजित मध्य प्रदेश के धर्मजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनकर विधायक बने थे। इसके बाद वो इसी सीट से लगातार पांच बार जीते। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार में पशुपालन मंत्री थे। इसके बाद वो साल 2000 में छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद अजीत जोगी की सरकार में 2000-03 के बीच खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे थे।
उनके बड़े बेटे लालजीत सिंह रथिया वर्तमान में छत्तीसगढ़ के तहत आने वाले धर्मजयगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। चनेश राम रथिया के परिवार में उनकी पत्नी दो बेटे और तीन बेटियां हैं।
उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक जताया है. उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा कि ‘पूर्व मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता चनेश राम रथिया जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्हें हमेशा धर्मविजयगढ़ और पूरे राज्य में याद किया जाता रहेगा।’
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