कोरोना इलाज के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन की कमी से कोरोना पॉज़िटिव की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जबलपुर में कांग्रेस नेता आशीष तिवारी के निधन के बाद उनकी पत्नी नेहा तिवारी का एक वीडियो आया है। नेहा तिवारी ने अपने पति के इलाज में लापरवाही और ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी मौत की पूरी कहानी बयां की है।
नेहा ने अपने पति की मौत के बदले किसी तरह के मुआवजे की नहीं, बल्कि पति की मौत के दोषी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जो आशीष की ऑक्सीजन सप्लाई के लिए जिम्मेदार था। नेहा ने डाक्टर को सजा दिलाने के लिए लोगों का समर्थन मांगा है।
निजी मेट्रो अस्पताल ने किया था इलाज से इनकार
दरअसल 10 दिन पहले आशीष तिवारी फ्लू होने की वजह से मेट्रो अस्पताल में दिखाने गए थे। जहां डाक्टरों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया और और मेडिकल कॉलेज भेज दिया। नेता ने बताया है कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भी उनके पति को उचित इलाज नहीं दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई।
अपने वीडियो में पत्नी ने बताया है कि आशीष तिवारी की तबीयत ठीक नहीं थी। जिसके बाद जिसके बाद वह डॉक्टरों की बताई दवाएं ले रहे थे। एक दिन उन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है, जिसके बाद उनके भाई उन्हें मेट्रो हॉस्पिटल ले गए। मेट्रो अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि इनका निमोनिया काफी बिगड़ गया है। इन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराइए। पत्नी का आरोप है कि मेट्रो हॉस्पिटल ने उनके पति आशीष तिवारी को अस्पताल में भर्ती भी नहीं किया।
जबलपुर मेडिकल कॉलेज पर आक्सीजन सप्लाई रोकने का आरोप
आशीष को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया, शुरुआत में उन्हें ऑक्सीजन दिया गया। इसके बाद आशीष तिवारी ने अपने भाई को बताया कि अब उन्हें ठीक महसूस हो रहा है। इस बीच भाई ने नेहा और आशीष की फोन पर बात भी करवाई। नेहा ने बताया कि जब उनसे बात हुई तो वे काफी सहज और आराम से बात कर रहे थे। उन्हे कोई तकलीफ नहीं थी। बात करने के बाद आशीष ने अपने भाई से लोअर मांगा। जैसे ही आशीष का भाई उनके लिए कपड़े लेने निकले तभी कुछ ही मिनटों में अस्पताल से फोन आया कि अब आपके भाई सिर्फ 10 मिनट तक ही जीवित रह पाएंगे। आशीष की पत्नी नेहा तिवारी का आरोप है कि उनके पति की ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई थी। जिसके कारण उनके पति की जान चली गई।
पत्नी का दावा पति को नहीं था कोरोना, अब तक नहीं आई है रिपोर्ट
आशीष तिवारी की मौत के बाद पता चला कि उन्हें ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं दिया गया था। पत्नी का कहना है कि उनके पति की कोरोना रिपोर्ट 10 दिन बाद भी नहीं आई है। ना ही उनका घर सील किया गया। आशीष का शव भी कोरोना मरीजों की तरह नहीं सामान्य मरीजों की तरह सौंपा गया था।
अस्पताल प्रबंधन शव देते वक्त नहीं किया था गाइडलाइन का पालन
नेहा का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए जब उन्हें आशीष की शव देते वक्त वहां मौजूद लोगों में से किसी ने ना तो ग्लब्स पहने थे और ना ही मास्क लगाया था। नेहा ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उनके पति को कोरोना नहीं रहा होगा, अपने बचाव के लिए अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारी और अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। नेहा तिवारी ने वीडियो के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है ।
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