
शहर के निजी अस्पतालों में भले ही मरीजों के लिए जगह नहीं है, लेकिन एमवाय अस्पताल के वार्ड खाली पड़े हैं। सामान्य दिनों के मुकाबले आधे मरीज भी वहां भर्ती नहीं हैं। साढ़े पांच महीने से अस्पताल के खाली बेड न कोरोना के मरीजों के लिए इस्तेमाल हो पा रहे हैं, न दूसरी बीमारियों के लिए। सामान्य दिनों में एमवाय अस्पताल में 1200 से 1400 मरीज भर्ती रहते हैं, लेकिन इन दिनों इसमें भारी कमी है। अस्पताल के ज्यादातर वार्ड खाली पड़े हैं।
वजह है कि इन दिनों सिर्फ गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सामान्य बीमारियों के मरीजों को यह कह कर लौटाया जा रहा है कि कोरोना चल रहा है। बाद में आना। इसके चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें वहां भी जगह नहीं मिल रही।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जल्दी ही चाचा नेहरू अस्पताल और कैंसर अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद इन दोनों अस्पतालों के मरीजों को एमवाय अस्पताल शिफ्ट कर दिया जाएगा, लेकिन यह कब होगा, पता नहीं। साढ़े पांच माह से शासन यह बात कह रहा है, लेकिन न तो चाचा नेहरू और कैंसर अस्पताल को कोविड सेंटर के रूप में चि-ति किया गया, न ही एमवाय अस्पताल में दूसरी बीमारियों के मरीजों का इलाज हो रहा है। अव्यवस्था का खामियाजा आम मरीज भुगत रहा है।
फिर भर जाएगा
हम फिलहाल सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती कर रहे हैं। चाचा नेहरू और कैंसर अस्पताल कोविड सेंटर बनने के बाद वहां के मरीज भी एमवाय अस्पताल लाए जाएंगे। फिर एमवाय अस्पताल भी भर जाएगा। –डॉ. पीएस ठाकुर, अधीक्षक एमवाय अस्पताल
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