प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट के पैरंट्स ने आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घेराबंदी के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना काल में जब सब कुछ बंद हो है तो फिर स्कूल की फीस क्यों दी जाए। पेरेंट्स का कहना है कि हमने स्टूडेंट्स का एडमिशन ऑनलाइन क्लास के लिए नहीं करवाया था। स्कूल नहीं तो फीस नहीं। सरकार चाहे तो प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को मुआवजा दे सकती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह उज्जैन पहुंचे। एयरपोर्ट से वे सीधे किसानों की फसल बीमे की राशि वितरित करने के लिए कार्यक्रमस्थल पहुंचे। सीएम के आने की जानकारी लगते ही स्कूल फीस को लेकर परेशान अभिभावक सड़क पर आ गए। बड़ी संख्या में अभिभावक देवास रोड पर खड़े होकर सीएम से मिलने की मांग करने लगे। उन्होंने जमकर हंगामा किया।
स्कूल नहीं लगे तो फीस क्यों दें ?
दरअसल, स्कूल अभिभावकों पर फीस को लेकर दबाव डाल रह हैं। ऐसे में इसका कोई हल निकालने के लिए ये अभिभावक सीएम से मिलकर ज्ञापन देना चाह रहे थे। प्रशासन ने इन्हें रोका तो ये आक्रोशित हो गए। इसके बाद ये देवास रोड पर एकत्रित हो गए और जमकर हंगामा किया। अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में स्कूल की फीस कहां से जमा करें? जब स्कूल ही नहीं लगे हैं तो फिर फीस क्यों वसूली जा रही है।
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