मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर कोरोना गाइडलाइन की लगातार हो रही अनदेखी पर हाई कोर्ट ने राजनीतिक आयोजनों पर सख्त टिप्पणी की है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में कहा- कानून का सम्मान व पालन हर किसी को करना चाहिए, चाहे वह आम आदमी हो या राजनीतिक व्यक्ति या फिर राज्य का मुखिया। आप चाहे कितने भी बड़े क्यों न हों, कानून आपसे ऊपर है। हम भरोसा व अपेक्षा करते हैं कि याचिका की अगली सुनवाई तक सभी राजनीतिक दल और राज्य शासन कोविड-19 के लिए बनाई गई गाइडलाइन का पालन करेंगे।
कोर्ट ने इस मामले में शासन, कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह में नियत की गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट संजय द्वेदी, राजू शर्मा और वीडी शर्मा को न्यायमित्र नियुक्त किया है। आशीष प्रताप सिंह ने जनहित याचिका दायर कर यह मुद्दा उठाया है।
याचिका को मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा- हम अपेक्षा करते हैं कि इस आदेश की अवहेलना करने पर तीनों न्यायमित्र प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से सूचित करेंगे ताकि मामले को नियत तिथि से पहले सुनवाई के लिए लगाया जा सके। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट की प्रिंसिपल सीट, जबलपुर से सूचना मिलने के बाद ही मामले को सुनवाई के लिए नियत किया जाए।
गौरतलब है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में आए दिन हो रहे राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें हाल ही में हुए आयोजनों से संबंधित फोटोग्राफ भी कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने कहा कि यदि फोटोग्राफ इन्हीं आयोजनों के हैं, जिनका उल्लेख याचिका में किया गया है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासनिक व राजनीतिक तंत्र ने बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है।
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