December 10, 2023

सम्पूर्ण समाज पार्टी का आरोप, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं बीजेपी में ससपा के विलय की झूठी खबर

प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर राजनीतिक उठापठक का दौर जारी है। बीजेपी अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने में जुटी है। मंगलवार को सम्पूर्ण समाज पार्टी के कुछ नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ले ली, जिसके बाद शिवराज सिंह के आफीशियल ट्विटर अकाउंट से कहा गया की ससपा का बीजेपी में विलय हो गया है। अब सम्पूर्ण समाज पार्टी ने इस खबर का खंडन किया है, पार्टी की ओर से कहा गया है कि उनकी पार्टी का विलय किसी भी दूसरे राजनैतिक दल में नहीं हुआ है।

ससपा की ओर से अपील की गई है कि पार्टी पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत रहें। समाज की सेवा में लगे रहें। ससपा की ओर से कहा गया है कि सम्पूर्ण समाज पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने पार्टी से त्यागपत्र दिया है, और अपनी मर्जी से बीजेपी की सदस्यता ली है। कुछ लोगों के किसी पार्टी में शामिल होना किसी पार्टी का विलय नहीं होता है। ससपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर झूठी खबर फैलाने का आरोप लगाया है।

दरअसल मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मौजूदगी में संपूर्ण समाज पार्टी (ससपा) के कुछ नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। बीजेपी में शामिल होने वाले ससपा नेता विजय सिंह सिकरवार और उनके कुछ साथी थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि संपूर्ण समाज पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी में हो गया है। इस ट्वीट की राजनैतिक गलियारों में खूब चर्चा रही। जिसके बाद संपूर्ण समाज पार्टी के पदाधिकारियों ने अपनी पार्टी के बीजेपी में विलय से इनकार किया है।

संपूर्ण समाज पार्टी ने मुख्यमंत्री पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे हैं। सम्पूर्ण समाज पार्टी का किसी भी राजनैतिक दल में विलय नहीं हुआ है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि बीजेपी की सदस्यता लेने वाले प्रदेश अध्यक्ष विजय सिकरवार और 3 जिलों के पदाधिकारियों ने ससपा छोड़ी है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर ससपा के बीजेपी में विलय होने की बात कही थी। साथ ही विश्वास जताया था कि ससपा के साथियों के सहयोग से अंत्योदय के लक्ष्य एवं प्रदेश की उन्नति व प्रगति के कार्यों को गति मिलेगी।

दरअसल संपूर्ण समाज पार्टी की बुनियाद आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग को लेकर रखी गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में संपूर्ण समाज पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।

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