मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन कर मॉडल एक्ट लागू किया गया है। इसका विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर मंडी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इंदौर की तीनों प्रमुख मंडियां चोइथराम, छावनी और लक्ष्मीबाई नगर के कर्मचारी भी शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। हड़ताल में करीब इंदौर के एक हजार कर्मचारी भी शामिल हैं।
हड़ताल के संबंध में जानकारी देते हुए इंदौर चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी के प्रभारी प्रदीप जोशी ने बताया कि प्रदेश की सभी मंडियों, जिसमें 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ये कर्मचारी मंडी एक्ट में सुधार न होने तक अनिश्चितकाल तक के लिए हड़ताल पर हैं। आने वाले दिनों में फल एवं सब्जी के साथ ही इससे जुड़ी अन्य सामग्री के दाम बढ़ने की संभावना है।
मंडियों के व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज कारोबार में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि 1 मई 2020 को अध्यादेश लाया गया है, जो कि प्रदेश के किसानों, हम्माल, तुलावटियों, व्यापारियों, मंडी और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के हित में नहीं है। व्यापारियों की मांग है कि इस अध्यादेश को तुरंत निरस्त किया जाए। साथ ही मंडियों में वसूल किए जाने वाले 1.70 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 0.50 प्रतिशत किया जाए।
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