मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जेपी गुप्ता की एकल पीठ ने शिवपुरी जिले के करेरा विधानसभा से पूर्व विधायक शकुंतला खटीक की 3 साल की सजा को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया है। इससे पूर्व विधायक के चुनाव लडऩे का रास्ता साफ हो गया है।
सांसद और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में बनाई गई विशेष न्यायालय ने पूर्व विधायक शकुंतला खटीक को 30 नवंबर 2019 को तीन साल की सजा और 35 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। प्रकरण के अनुसार पूर्व विधायक शुकंतला खटीक के नेतृत्व में 8 जून 2017 को करेरा में प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन मंदसौर में हुए गोलीकाण्ड के विरोध में था।
प्रदर्शन के दौरान जब मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वज्र वाहन से पानी की बौछार की। इसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान पूर्व विधायक और उनके समर्थकों ने थाना प्रभारी संजीव सिंह के साथ मारपीट और अभद्रता की। इस मामले में विशेष न्यायालय ने 30 नवंबर 2019 को पूर्व विधायक और 7 अन्य को 3-3 साल की सजा और 35-35 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया था।
विशेष न्यायालय से मिली सजा को पूर्व विधायक ने अपील दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी, इसके साथ ही एक आवेदन दायर कर कहा गया कि सजा के कारण पूर्व विधायक के चुनाव लडऩे पर रोक लगी हुई है, इसलिए सजा को निलंबित किया जाए। इस मामले में पूर्व विधायक ने हाईकोर्ट में सजा को चुनौती दी। इसके साथ ही सजा को स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सजा होने की वजह से उनके चुनाव लडऩे पर रोक लगी हुई है। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा और शिवेन्द्र सिंह ने तर्क दिया कि निचली अदालत ने प्रकरण के तथ्यों पर गौर किए बिना पूर्व विधायक को सजा सुनाई है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अगले आदेश तक के लिए सजा को निलंबित कर दिया है।
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