केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के मसले पर कांग्रेस आर-पार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस की सरकारों से कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में ऐसे कानून बनाने की संभावना तलाशें, जिनसे केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को बेअसर किया जा सके। कांग्रेस सरकारों को सोनिया गांधी के इस निर्देश की जानकारी कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने दी है।
के सी वेणुगोपाल के बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों से कहा है कि वे अपनी विधानसभाओं में केंद्र के कृषि कानूनों को बेअसर करने वाले कानून पारित करने की संभावनाओं पर विचार करें। उन्होंने कांग्रेस की राज्य सरकारों को इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 254(2) में दिए अधिकारों का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी है, क्योंकि संविधान का यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने वाले केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए कानून पारित करने की अनुमति देता है।
बयान में कहा गया है कि ऐसा करके कांग्रेस की राज्य सरकारें केंद्र सरकार के तीनों किसान विरोधी और अन्यायपूर्ण कानूनों से बचने का रास्ता निकाल सकती हैं। इससे किसानों को उस गंभीर नाइंसाफी से बचाया जा सकेगा, जो मोदी सरकार और बीजेपी ने उनके साथ की है।
गौरतलब है कि कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब की सरकारें पहले ही इस कानून का कड़ा विरोध कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एलान किया है कि उनकी सरकार नए कृषि कानूनों से किसानों को बचाने के लिए हर लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेगी। जिसमें राज्य विधानसभा में नए कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना शामिल है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि वे नए कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने समेत हर वो कदम उठाएंगे जिससे किसानों के हितों की रक्षा की जा सके। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति कोविंद के नाम पर ज्ञापन देकर नए कानून को वापस लेने की मांग की है। जाहिर है कि सोनिया गांधी के निर्देश के बाद नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस शासित राज्यों का विरोध और प्रबल होगा।
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