
राजधानी में तकरीबन 4 लाख से ज्यादा आबादी कोरोना से संक्रमित होकर ठीक भी हो चुकी है। सीरो प्रिवलेंस स्टडी के अनुसार भोपाल में 4 लाख 35 हजार लोग ऐसे हैं जो कि कोरोना से ठीक हो चुके हैं। ये ऐसे मरीज़ हैं जो कि कोरोना ने संक्रमित तो हुए लेकिन उन्हें पता तक नहीं चलना। मसलन, इतने लोगों में कोरोना के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। राजधानी में इसकी दर 18.2 प्रतिशत है।
इंदौर से दोगुने लोगों में एंटीबॉडी हुई विकसित
इंदौर के मुकाबले दोगुने लोगों में कोरोना के प्रति एंटीबॉडी विकसित की गई है। इंदौर में जहां 7.72 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। तो वहीं भोपाल में यह आंकड़ा 18.2 प्रतिशत है। हालांकि इंदौर में सीरो सर्वे का आंकड़ा एक महीना पुराना है। एक महीने पुराने सर्वे के आंकड़े के अनुसार इंदौर में तकरीबन 2.33 लाख लोगों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है।
गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख डाॅ डीके पाल का कहना है कि इंदौर में एक माह पहले सैम्पलिंग हुई थी। यदि वहां दोबारा सर्वे सैम्पलिंग हो तो एंटीबॉडी की स्थिति भोपाल जैसी होगी। हालांकि फिलहाल की स्टडी के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या इंदौर के मुकाबले भोपाल में ज़्यादा है।
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