April 20, 2024

मध्यप्रदेश में बुधवार को 2004 नए कोरोना संक्रमित मरीज़ मिले

  • अव्यवस्था से अविश्वास: भोपाल में संक्रमित बढ़ रहे, लेकिन कोविड अस्पतालों में मरीज कम
  • दो माह पहले होम आइसोलेशन में सिर्फ 44 मरीज थे, अस्पतालों में व्यवस्था भी ठीक थी

राजधानी में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बजाय होम आइसोलेशन में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आलग यह है कि करीब 50 प्रतिशत कोराना मरीज घर पर रहकर ही इलाज करा रहे हैं। भोपाल में वर्तमान में 2103 एक्टिव मरीज हैं, जिनमेें से 1026 होम आइसोलेशन में हैं। दो माह पहले यह आंकड़ा महज 44 था। इसके पीछे वजह कोविड केयर अस्पतालों में फैलीं अव्यवस्थाओं, मरीजों का इलाज और केयर नहीं होना भी बताई जा रही है। अस्पतालों के 2894 बेड में से 1220 खाली हैं। अस्पतालों में महज 1670 बेड पर मरीज हैं, यानी 42.15 फीसदी पलंग खाली हैं।

होम आइसोलेशन में रखे गए 270 मरीजों ने कॉल सेंटर की परेशानी बढ़ाई हुई है। आलम यह है कि इन मरीजों को कॉल सेंटर का अमला दिन में तीन से पांच बार कॉल करता है, लेकिन ये मरीज बारबार कॉल करने पर ही कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कॉल सेंटर से इन मरीजों का फॉलोअप सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। कॉल सेंटर के जिम्मेदारों का कहना है कि अगर मरीजों का रवैया यही रहा तो उनको कोविड अस्पताल में शिफ्ट करना होगा।

होम आइसोलेशन में लोगों का भरोसा बढ़ा है, इसकी मुख्य वजह हमारे डॉक्टरों को बेहतर उपचार और रोज लिए जाने वाले फॉलोअप ही हैं। यही वजह है कि होम आइसोलेशन में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

डॉ. संगीता टांक, नोडल ऑफिसर, होम आइसोलेशन वीडियो कॉलिंग

रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी

राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या में भारी गफलत है। आलम यह है कि अलग-अलग स्तरों पर बताए गए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों और शहर के कुल एक्टिव मरीजों की संख्या में भारी अंतर है। कॉल सेंटर से होम आइसोलेशन में 1026 मरीज बताए गए हैं। जबकि, शासन के सार्थक लाइट एप में 1670 मरीज भर्ती होना बताया रहा है। इस प्रकार शहर में कोरोना के एक्टिव मरीज 2696 होते हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी स्टेट हेल्थ बुलेटिन में शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 2103 बताई है। ऐसे में 593 एक्टिव मरीजों कहां हैं, यह गफलत है।

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