
- 21 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी 6 महीने की अवधि।
- कांग्रेस ने चुनाव आयोग में की शिकायत।
उपचुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों को शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल से बाहर जाना पड़ेगा। नियमों के कारण वे बिना विधायक बने छह माह से अधिक समय तक मंत्री पद पर नहीं रह सकते हैं। दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद गंवाना पड़ेगा, क्योंकि उनका कार्यकाल 20 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इसलिए मतदान के दिन यानि 3 नवंबर को ये दोनों बगैर मंत्री पद के मैदान में होंगे। कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में इन दोनों मंत्रियों को हटाने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने नियमों का हवाला देते हुए पमंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट के इस्तीफे की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को दोनों नेताओं का 6 महीने का कार्यकाल खत्म हो रहा है ऐसे में उन्हें इसके बाद मंत्रिमंडल से बाहर निकाला जाना चाहिए।
चुनाव आयोग के बैठक में कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाने वाले दोनों नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि दोनों नेता स्वतः हीं इस्तीफा देकर शिवराज कैबिनेट से बाहर हो जाएंगे।
क्या कहता है नियम ?
संविधान के अनुच्छेद 164(4) के मुताबिक कोई मंत्री जो लगातार 6 महीनों तक राज्य के विधान मंडल का सदस्य नहीं होता है वह 6 महीने की अवधि के बाद मंत्री नहीं रह सकता। ऐसे में इन दोनों मंत्रियों का कार्यकाल 21 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। वहीं वह अब दोबारा मंत्रिमंडल का शपथ भी नहीं ले सकते क्योंकि अचार संहिता के दौरान कोई उम्मीदवार मंत्री पद की शपथ नहीं ले सकता है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि दोनों नेता अपने पद से इस्तीफा देंगे।
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