मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में सरकारी सिस्टम इस कदर नाकाम हो चुका है कि मानवीय मूल्यों का भी कोई लिहाज़ नहीं कर रहा। सीएम की विधानसभा बुदनी में शव वाहन ना मिल पाने के कारण परिजनों को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव कंधे पर ढोकर ले जाते देखा गया। और यह हाल उस बुदनी विधानसभा क्षेत्र का है, जहां डेढ़ दशक से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। सीएम को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचानेवाले इस क्षेत्र के बाशिंदों को मरने के बाद भी मामूली सरकारी सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पा रही हैं।
शनिवार शाम को पुलिस को सूचना मिली कि बुदनी में राधाकृष्ण मंदिर के समीप रहने वाले बबलू कमरे ने अपने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने मौके पर पहुच कर पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए बुदनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। रविवार सुबह उसका पोस्टमार्टम किया गया। जिसके बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया।
परिजनों के अनुसार उन्होंने शव को घर तक ले जाने के लिए वाहन की मांग की लेकिन उन्हें शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण उन्हें शव को कंधों पर उठाकर पैदल ही घर तक ले जाना पड़ा। कहने को बुदनी विधानसभा प्रदेश के मुखिया का गृहक्षेत्र है लेकिन यहां मुसीबत में फंसे लोगों को शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जिस सरकार के राज में मुख्यमंत्री के अपनी विधानसभा क्षेत्र का ये हाल हो, उससे राज्य की जनता किस तरह के विकास की उम्मीद रख सकती है।
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