तीन दिन पहले उज्जैन में हुआ आयोजन भाजपा के गले की हड्डी बनता दिख रहा है। कांग्रेस ने इसे सांवेर उपचुनाव से जोड़ते हुए आयोजन की शिकायत चुनाव आयोग से कर दी है। इसके विपरीत भाजपा इसे महज कार्यकर्ता सम्मेलन करार दे रही है।
मंच पर मंत्री और सांवेर से उम्मीदवार तुलसी सिलावट की मौजूदगी से मामला भाजपा के लिए उलझता दिख रहा है। कांग्रेस कोशिश में है कि यदि आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण दर्ज नहीं भी हो तो आयोजन का खर्च सांवेर उपचुनाव में भाजपा के खाते में जुड़ जाए। भाजपा विधानसभा क्षेत्र के बाहर का आयोजन बताकर पल्ला झाड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि 3 अक्टूबर को उज्जैन की होटल अंजुश्री में भाजपा का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ था। इसमें एक हजार से ज्यादा कार्यकर्ता मौजूद थे। मंच पर भाजपा महासिचव कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट के साथ सांवेर चुनाव में भाजपा के प्रभारी और विधायक रमेश मेंदोला भी मौजूद थे। आयोजन में मौजूद कार्यकर्ताओं के मास्क पर उम्मीदवार सिलावट की तस्वीरें छपी थीं।
कांग्रेस ने आयोजन की वीडियो रिकॉर्डिंग जारी कर दी है। इसमें नजर आ रहा है कि बूथ और सेक्टर प्रभारी कार्यकर्ता को सुपारी बांटकर धार्मिक संकल्प की तरह जीत के लिए काम करने का संकल्प लेने को कहा जा रहा है। कांग्रेस सचिव राकेशसिंह यादव ने वीडियो रिकॉर्डिंग को आधार बनाकर शिकायत की है कि आयोजन में करीब 2 हजार लोगों को इकट्टा किया गया। आचार संहिता और कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन है। कांग्रेस ने दावा किया कि जिस होटल में आयोजन हुआ, वह उज्जैन की सबसे महंगी होटल है। पूरे आयोजन पर 15 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं।
बिगड़ जाएगा खर्च का गणित
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को अधिकतम 28 लाख चुनाव पर खर्च करने की अनुमति है। कांग्रेस की कोशिश है कि उज्जैन के इस आयोजन का खर्च भाजपा के खाते में जुड़े। ऐसा होने पर पूरे चुनाव पर होने वाले कुल खर्च का आधा मात्र एक आयोजन में ही निपट जाएगा।
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