मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियों के बीच, राज्य कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों के खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसे हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। याचिका में कहा है कि उपचुनाव में होने वाले खर्च की राशि उन 25 बागी विधायकों से वसूल की जानी चाहिए, जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस का कहना है कि 25 बागी विधायक पहले कांग्रेस से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली। अब फिर से विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। जब उन्हें विधायक ही रहना था, तो दल-बदल करके विधायकी छोड़ी ही क्यों?
कांग्रेस का कहना है कि विधायकों के इस दल-बदल से चुनाव आयोग का खर्च बढ़ता है, क्योंकि 1 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग को करीब 1 करोड़ की राशि खर्च करनी पड़ती है। चूंकि ये 25 विधायक अब फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए उसे 25 करोड़ की राशि फिर खर्च करनी होगी। लिहाजा, चुनाव आयोग को 25 करोड़ की यह रकम इन 25 बागी विधायकों से ही वसूलनी चाहिए।
कांग्रेस के 25 बागी विधायक
कांग्रेस के जिन 25 विधायकों के पाला बदलने की वजह से उनके विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव की नौबत आई है, उनके नाम हैं – बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, तुलसी सिलावट, राज्यवर्धन सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा सरोनिया, मनोज चौधरी, जयपाल सिंह, सुरेंद्र धाकड़, ओपीएल भदोरिया, बृजेंद्र सिंह यादव, हरदीप सिंह डंग, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, महेंद्र सिंह सिसोदिया, जसमंत जटावे और गिरराज दंडोतिया।
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