पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अनूपपुर की सभा में शिवराज सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश अभी वोट की नहीं नोट की सरकार है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि 2018 में आपने वोट देकर कांग्रेस की सरकार बनाई थी, लेकिन 2020 में भाजपा ने नोट देकर यह सरकार गिरा दी। इसी का नतीजा है कि प्रदेश की जनता पर दोबारा चुनाव का बोझ पड़ रहा है।
अनूपपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह के समर्थन में सभा काे संबाेधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि मेरी सरकार सिर्फ 15 महीने रही। इस दौरान ढाई महीने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता और उसके बाद 1 महीने सरकार बचाने की कवायद में चले गए। लिहाजा, हमें महज साढ़े ग्यारह महीने ही काम करने का वक्त मिला। लेकिन इतने कम वक्त में भी कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के विकास की हर संभव कोशिश की।
कमलनाथ ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में उपचुनाव की व्यवस्था की थी। लेकिन यह व्यवस्था उस वक्त ये सोचकर की गयी थी कि किसी विधायक या सांसद का निधन होने पर उपचुनाव कराने की नौबत आएगी। लेकिन अब तो विधायकों की खरीद-फरोख्त करके सरकार गिराई जाती है, जिससे जनता के पैसों की बर्बादी होती है।
बिकाऊ चाहिए या टिकाऊ
कमलनाथ ने कहा कि यह उपचुनाव बिके हुए लोकतंत्र के बाद का चुनाव है। अब यह जनता को तय करना है कि उनको बिकाऊ चाहिए या टिकाऊ। अनूपपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह के समर्थन में आयोजित इस सभा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और ओमकार मरकाम भी मौजूद थे।
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