
- सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना और भीड़ को नियंत्रित करना।
- जिला प्रशासन- आयोजन समिति किसी को आमंत्रित नहीं करेगी, जिससे भीड़ जुटे।
- आयोजन स्थल पर उतने ही लोगों को प्रवेश दिया जाए, जितने की अनुमति रहेगी।
राजधानी में रावण दहन के लिए पुतले की ऊंचाई के लिए किसी प्रकार का बंधन नहीं रहेगा। इसी के साथ आतिशबाजी के लिए भी कोई रोक नहीं रहेगी। लेकिन, जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना और भीड़ को नियंत्रित करना है। अब रावण दहन के लिए क्या किया जाए इसके लिए जिला प्रशासन ने मंथन शुरू कर दिया है।
खास बात यह है कि समिति अपनी ओर से किसी को आमंत्रित नहीं करेगी, जिससे भीड़ जुटे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि दशहरे पर रावण दहन के लिए अनुमति रहेगी, लेकिन आयोजन समिति को यह देखना होगा कि यहां भीड़ न जुटे। इसमें पुलिस भी मदद करेगी। भीड़ को रोकने के लिए आयोजन स्थल पर उतने ही लोगों को प्रवेश दिया जाए, जितने की अनुमति रहेगी। इसके लिए आयोजन स्थल पर बैरिकेड्स लगाने होंगे। समिति के लोग भी दूर-दूर खड़े होंगे।
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