मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को हाईकोर्ट ने नोटिस भेजा है। उन्हें ये नोटिस जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में दिया गया है। कोर्ट ने इसी मामले में राज्य सरकार, बालाघाट कलेक्टर और एसपी से भी जवाब-तलब किया है। पूर्व विधायक किशोर समरीते की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सुजय पॉल की सिंगल बेंच ने ये जवाब मांगे हैं। पूर्व विधायक की याचिका में कहा गया है कि गौरीशंकर बिसेन ने चुनाव में गलत प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया था। बीजेपी नेता को इसका जवाब देने के लिए 23 नवंबर तक का समय दिया गया है।
दरअसल, बालाघाट के लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने गौरी शंकर बिसेन के खिलाफ याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के आवेदन पर 18 मार्च 2018 को वारासिवनी के एसडीएम द्वारा उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाणपत्र जारी किया गया था। आरोप है कि गौरीशंकर ने उस वक्त अपने पूर्व मंत्री और सांसद होने की जानकारी छिपाई थी। इस मामले में सपा के पूर्व विधायक किशोर समरीते की दलील है कि उक्त आवेदन में बीजेपी नेता ने अपनी सालाना आय केवल 80 हजार रुपये बताई है।
आरोप है कि वारासिवनी एसडीएम ने बीजेपी नेता की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर ही आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया। जिसका उपयोग गौरी शंकर बिसेन ने लोकसभा चुनाव में भी किया था। इस मामले की शिकायत के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। अदालत ने गौरीशंकर बिसेन को जवाब दाखिल करने के लिए 23 नवंबर तक का समय दिया गया है।
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